चमन बहार: एकतरफा इश्क़ का मीठा पान है ये फिल्म, लड़की का एक्सप्रेशन ऐसा कि इस 2 घंटे के लिए आपको भी प्यार हो जाएगा

Chaman Bahaar

“जब गीदड़ की मौत आती है न, तो वो शहर की तरफ भागता है” पता नहीं, असल ज़िन्दगी में यह बात कितनी सही है लेकिन, चमन बहार में Billu Daddy के लिए तो यह बात एकदम परफेक्ट साबित हो ती है।

इस सीरीज ने एक बात तो साबित कर दी है कि, चाहे कहानी कितनी भी साधारण क्यूं ना हो, अगर कलाकार उम्दा है तो वो भी धांसू लगने लग जाती है। अब, इस बात से आपको अंदाजा तो लग ही गया होगा कि इस सीरीज में कहानी से ज्यादा महत्वपूर्ण एक्टिंग है।

आप में से बहुत कम लोगों को पता होगा कि, यह सीरीज नहीं बल्कि फिल्म के हिसाब से थिएटर में रिलीज़ होने के लिए बनी थी। लेकिन, लॉकडाउन की वजह से यह फ़िल्म, सीरीज बनकर नेटफ्लिक्स के माध्यम से दर्शकों तक पहुँच रही है।

Chaman Bahaar

इस सीरीज के मुख्य कलाकार एकदम जाने पहचाने हैं, क्यूंकि इससे पहले आपने उनको पंचायत में भी देखा है और उससे पहले कोटा फैक्ट्री से भी काफी मशहूर हो गए थे ये। जी हां, हम बात कर रहे हैं जीतू भैया यानि जीतेन्द्र कुमार की। अगर आपने अभी तक पंचायत और कोटा फैक्ट्री नहीं देखा है तो मेरे हिसाब से आपको पहले वही देखनी चाहिए।

अब इतनी तारीफ़ हो गई है तो आपके मन में लालसा बढ़ रही होगा ‘चमन बहार’ के बारे में जानने की। तो चलिए बिना समय गंवाए अब शुरु करते हैं इसकी कहानी। वैसे तो, इस स्टोरी में गांव, नेतागिरी, एकतरफा प्यार, छिछोरापंति, पान-गुटखे की दुकान, पुलिसगिरी सहित और भी कई चीज़ों को दिखाया गया है। लेकिन, इस सीरीज में मुख्य रूप से जो आपको दिखेगा वो है एकतरफा प्यार और बिल्लू डैडी की पान की दुकान।

Chaman Bahaar

छत्तीसगढ़ के छोटे शहर लोरमी पर बनी यह कहानी तक़रीबन दो घंटे (1:51:46) की है। बहुत हल्के फुल्के और चुटीले अंदाज़ में बनी इस सीरीज के साथ आप बेवफाई नहीं कर पाएंगे। यानी, अगर देखने बैठ गए फिर बिना ख़त्म किये ये आपको निकलने नहीं देगी।

वैसे, जिस रिंकू ननोरिया के प्यार में सब पागल हैं, उनकी एक्टिंग के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। क्यूँकि, उस लड़की के ना तो कोई डायलॉग है और ना ही एक्टिंग। हां, लेकिन एक्सप्रेशन कमाल के थे। वो भी इतने कमाल कि, आपको पूरी सीरीज में कहीं भी उसके डायलॉग या एक्टिंग की याद ही नहीं आएगी। सीधे-सीधे अगर कहें तो, कातिलाना एक्सप्रेशन है।

वैसे तो, इस फिल्म में कई किरदार हैं, लेकिन कहानी को आगे सिर्फ जितेंद्र यानि बिल्लू ही बढ़ा रहे हैं। इसके अलावा, भुवन और धीरेंद्र की जोड़ी भी फ़िल्म में एक अलग ही रंग भरती हैं। चाहे उनका संवाद हो या केमिस्ट्री दोनों ही बेहतरीन है।

Chaman Bahaar

रिंकू से गांव के लोगों की एकतरफा प्यार वाली बात आपमें से बहुतों को चुभ सकती हैं लेकिन हकीकत यही है। यह भारत के कई गांव और शहरों में बसे पुरुष पात्रों का सटीक चित्रण हैं जो लड़की की मर्जी जाने बगैर उसे अपनी प्रेमिका मानने लगते हैं और अगर उसमें उनको रिजेक्शन मिल जाए तो फिर वह लड़की को चरित्रहीन बताने से भी गुरेज नहीं करते हैं।

सीरीज की कहानी में सोनम गुप्ता बेवफा वाले प्रकरण का इस्तेमाल भी किया गया है। एक तरफा प्यार के साइड इफेक्ट्स की वजह से लड़की और उसके परिवार की परेशानियों को भी सरसरी तौर पर आखिरी दृश्य में दिखाया गया है।

बिल्लू का गहरा प्यार और जाते-जाते रिंकू का एक्सप्रेशन ऐसा रहता है कि, अंत में जब उसके घर से उड़ता हुआ एक कागज बाहर आता है तो मेरी तरह आपको भी ऐसा लग सकता है कि उसपे रिंकू अपना नंबर छोड़ गई होगी। लेकिन नहीं, उस कागज पर वो ऐसी यादें छोड़ गई थी जिसके सहारे बिल्लू अपने आप को संभाल लिया।