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पाताललोक : शानदार एक्टिंग के साथ जोरदार है कहानी, विवादों में आने की ये थी वजह

अमेज़न प्राइम पर रिलीज़ हुई पाताललोक की कहानी ही कुछ ऐसी है कि, इसे देखकर आप दांतों तले उंगली दबा लेंगे। वैसे आपका तो पता नहीं लेकिन मुझे तो काफी मज़ा आया।

इस सीरीज को लेकर क्यूं इतना बवाल हुआ ? इसके कहानी में क्या है ऐसा ? क्यूं आपको देखना चाहिए ? ऐसे ही आपके तमाम सवाल इस रिव्यु को पढ़ने के बाद क्लियर हो जाएगा।

चलिए अब बिना किसी देरी के इस सीरीज की बात करते हैं वो भी केवल 5 पॉइंट्स में

1. आसपास की घटनाओं से कर पाएंगे रिलेट:

इस सीरीज को देखकर मेरी तरह आप भी महसूस कर पाएंगे कि इसमें बहुत कुछ ऐसा दिखाया गया है, जो हमारे आसपास घटता है। यानि, जिसका सामना हम और आप जाने अनजाने में हर रोज करते हैं।

कमाल की है इसकी कहानी:

2. सबसे अहम है पाताललोक की स्टोरी;

“ये एक नहीं तीन दुनिया है, सबसे ऊपर स्वर्गलोग है जिसमें देवता रहते हैं। बीच में धरती लोक जिसमें आदमी रहता है और, सबसे नीचे है पाताललोक जिसमें कीड़े रहते हैं। वैसे तो यह सब शास्त्रों में लिखा है पर मैंने Whatsapp पर पढ़ा है…………. ” इस डायलॉग से शुरू इस सीरीज की कहानी वाकई उम्दा है।

सीधे शब्दों में समझिये कि, इस सीरीज में मीडिया है, पुलिस है, नौकरशाही है, सामाजिक कल्चर है, कम्पीटिशन है और इस सब को धक्का देते हुए आगे निकलने की होड़ है।

3. सीरीज के पॉपुलर चेहरे:

वैसे तो, इस सीरीज में काफी सारे ऐसे चेहरे हैं जिनपर आपकी नज़र टिकी रहेगी चाहे उनके अनुभव से या रोल की वजह से वो तो आपपर निर्भर करता है। लेकिन, उनमें से 6 ऐसे नाम हैं जिसपर पूरे सीरीज के दौरान आपकी नज़र बनी रहेगी।

1. संजीव मेहरा (नीरज काबी)
2. हाथीराम चौधरी (जयदीप अहलावत)
3. विशाल त्यागी / हथौड़ा त्यागी (अभिषेक बनर्जी)
4. सारा मैथ्यू (निहारिका लायरा दत्त)
5. मैरी लिंगदोह (मैरेमबन रोनाल्डो सिंह)
6. तारिक़ (ज़ोहेब नागपुरवाला)

4. थ्रिलर और सस्पेंस:

इस सीरीज में हर वो एलिमेंट डाला हुआ है जो एक थ्रिलर और सस्पेंस लवर पसंद करता है। दावा तो नहीं कर सकते पर इतना ज़रूर कह सकते हैं कि इस सीरीज की कभी कड़ियाँ एक-दूसरे से ऐसी जुड़ी हुई है कि जब आप इसे देखने बैठेंगे तो पूरा खत्म करके ही उठेंगे।

5. मेरी समझ को जानिए:

मुझे लगता है कि…….

वेब सीरीज या यूं कहें कि क्राइम थ्रिलर के मामले में हद से ज्यादा अपशब्द और बेवजह की मार-धार से बचने की ज़रूरत है। इस सीरीज में गाली का भरपूर प्रयोग किया गया है (वैसे तो यह अब कॉमन हो गयी है)। इसलिए, हो सकता है कि मेरी तरह आपको भी कहीं ना कहीं थोड़ी बहुत असहजता महसूस होगी।

पाताललोक की शुरुआत तो काफी मज़ेदार है लेकिन आगे बढ़ते-बढ़ते मुझे ऐसा लगा कि, पिछली कहानी दिखाने के चक्कर में एपिसोड को थोड़ा स्लो कर दिया गया है।

इसके अलावा, इस सीरीज में मीडिया और नेता के रिश्ते का भी जिक्र हुआ है, जो शायद आपको थोड़ा अटपटा भी लग सकता है।

बाकी तो क्या ही कहना। ओटीटी और वेब सीरीज जगत में तो एकदम धमाल मचाया हुआ है पाताललोक ! यह सीरीज आपको बिलकुल फ्रेश अनुभव देगा। कुल 9 एपिसोड्स का यह सीरीज तक़रीबन साढ़े छः घंटे का है (06:30:33) इसलिए मेरी मानें तो पूरा समय हो तभी देखने बैठिएगा क्यूँकि, एक बार जब इसे देखने बैठ जाएंगे फिर बिना समाप्त किए छोड़ने का मन नहीं होगा आपका।

 

*अगर आप IMDB की रेटिंग देखकर तय करते हैं कि देखें या नहीं ? तो आपके लिए IMDB की रेटिंग भी हाज़िर है, 10 में से 7.5*